कमर कसी नीतीश की चुनावी टीम ने, कार्टूनों में लाए मुख्यमंत्री का सफरनामा

नीतीश कुमार की फाइल फोटो बिहार में चुनाव अब ज़्यादा दूर नहीं हैं, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टीम ने प्रचार को लेकर अभी से कमर कस ...

कमर कसी नीतीश की चुनावी टीम ने, कार्टूनों में लाए मुख्यमंत्री का सफरनामा
नीतीश कुमार की फाइल फोटो




बिहार में चुनाव अब ज़्यादा दूर नहीं हैं, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टीम ने प्रचार को लेकर अभी से कमर कस ली है। जनता दल यूनाइटेड के सीएम की प्रचार टीम ने उनकी जीवनी को लेकर एक कार्टून स्ट्रिप तैयार करवाई है, जिसे वे सोशल मीडिया पर प्रचारित करने जा रहे हैं। NDTV इंडिया के पास वह कार्टून स्ट्रिप है, जिसे हम आपके लिए लेकर आए हैं।

आज से हम नीतीश जी के जीवन पर एक नई श्रृंखला #मुन्नासेनीतीश आरंभ कर रहे हैं। इसके ज़रिए हम उनके मुन्ना (बचपन का नाम) से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बनने तक का सफ़र आपके साथ बाटेंगे एवं उनके व्यक्तिगत जीवन से जुड़े हुए कुछ अनछुए पहलुओं से आपको रूबरू करवाएंगे। नीतीश जी के बचपन के साथी बताते हैं कि जब भी बचपन मे खेलते हुए मुन्ना एवं उसके दोस्तों की आपस में बहस हो जाती थी, तो मुन्ना एक पेड़ के नीचे बैठकर सारे मसले सुलझता था। ये उनके अंदर पनप रहे नेतृत्व की पहली निशानी थी।



मेट्रिक की गणित परीक्षा की बात है, जब मुन्ना अपना पेपर लिख ही रहा था कि परीक्षा समाप्ति की घंटी बज गई एवं अध्यापक महोदय ने उसके हाथों से पेपर छीन लिया। इस कारण मुन्ना गणित परीक्षा में 100 अंक प्राप्त न कर सका। उनके साथी बताते हैं कि इस बात को उन्होंने इतनी गंभीरता से लिया कि मुख्यमंत्री बनते ही नीतीश जी ने एक नियम लागू करवाया, जिसके तहत हर छात्र को परीक्षा के अंत में 15 मिनट अधिक विश्लेषण हेतु दिए जाएंगे।



एक और बात नीतीश के बचपन से जुड़ी है, जब मुन्ना और उनके दोस्त सरोज एक स्टेशन पर बने रेलवे ट्रैक को पार करना चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्यवश उस ट्रैक के ऊपर कोई भी पुल नहीं था। ट्रैक पर ट्रेन स्थिर अवस्था में खड़ी हुई थी, इस बात का फायदा उठाते हुए दोनों दोस्त ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार करने लगे कि तभी अचानक से ट्रेन ने चलने का संकेत दे दिया। किसी तरह खुद को बचाते हुए मुन्ना और उनके दोस्त वहां से बच निकले। उस घटना का ही असर था कि मुख्यमंत्री बनते ही नीतीश जी ने ऐसे कई रेलवे ट्रैक के ऊपर पुल बनवा दिए।



नीतीश कुमार जी के कॉलेज के समय के मित्र श्री नरेन्द्र कुमार बताते हैं कि फिल्म 3 इडियट्स की तरह कॉलेज में नीतीश कुमार, नरेन्द्र कुमार और अरुण सिन्हा का एक ग्रुप था। ये ग्रुप अपनी अटूट मित्रता के लिए जाना जाता था एवं कॉलेज की सारी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था। रोचक बात ये है कि इंजीनियर होने के बावजूद ये तीनों मित्र आज इंजीनियरिंग से परे कार्य कर रहे हैं।



नीतीश कुमार की एक सबसे ख़ास बात रही है उनका बेहद सादगी के साथ जीवन जीने का फलसफा। अपनी जवानी के दिनों में वे पटना में एक छोटे से कमरे में अपने एक मित्र के साथ रहते थे एवं अपनी सारी ताकत समाज सेवा में लगा देते थे|



नीतीश कुमार ने अपनी शादी के वक़्त दहेज़ के 22,000 रुपयों को लेने से साफ़ इनकार कर दिया था एवं बगैर किसी ताम-झाम के कोर्ट मैरिज करने का फैसला लिया।



बात तब की है जब नीतीश कुमार पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। 'मां के आशीर्वाद में बड़ी शक्ति होती है, मैं वही लेने आया हूं' कहते हुए नीतीश जी ने अपनी मां परमेश्वरी देवी के चरणों में अपना सर रख दिया और मां ने "दीर्घायु भव:" कहते हुए सारा प्यार अपने लाडले बेटे पर लुटा दिया।


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