नोट भरा कार्टून लेकर सर्किट हाउस पहुंचे सियासत के लोग
सुशील कुमार, मेरठ। सर्किट हाउस का शुक्रवार की शाम को सियासी नजारा। दो सियासी हस्तियों की मौजूदगी। इस बीच एक गाड़ी वहां पहुंचती है। गाड़ी से...
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सुशील कुमार, मेरठ। सर्किट हाउस का शुक्रवार की शाम को सियासी नजारा। दो सियासी हस्तियों की मौजूदगी। इस बीच एक गाड़ी वहां पहुंचती है। गाड़ी से नोटों से भरा कार्टून उतारा जाता है और उसे सर्किट हाउस के अंदर ले जाया जाता है।
इस दिलचस्प और रहस्यमय वाकये पर अचानक नईदुनिया के सहयोगी प्रकाशन दैनिक जागरण का लैंस घूमते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। हालांकि सियासत के सौदागरों की चालाकी से नोटों की लेन-देन बेपर्दा होने से बच गई। अब सपा और बसपा के कारिदे एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। हालांकि शुरुआती सूचनाओं में नोटों से भरे इस कार्टून की बसपा से जुड़ने की बात सामने आ रही है।
शुक्रवार को सर्किट हाउस के कमरा नंबर दो में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर, जबकि कमरा नंबर चार में बसपा के नेता विरोधी दल नसीमुद्दीन सिद्दीकी ठहरे हुए थे। मंजूर विभागीय अफसरों की बैठक लेने आए थे। उनकी गाड़ी सर्किट हाउस के पीछे खड़ी थी। नसीमुद्दीन ने पहले कार्यकर्ताओं की बैठक ली थी।
इसी दौरान बीच शाम करीब पांच बजे महेंद्रा एक्सयूवी गाड़ी वहां आकर शाहिद मंजूर की गाड़ी के पास आकर रुकी। गाड़ी से उतरे कुछ लोगों ने नोटों से भरा कार्टून उतारा और सर्किट हाउस के गेट की ओर चल दिए।
नोटों का कार्टून लेकर चल रहे लोगों के साथ बसपा के कैंट सीट के दावेदार शैलेंद्र चौधरी भी थे। कार्टून ऊपर से खुला होने के कारण नोटों की गड्डियां साफ चमक रही थीं। कैमरे का फ्लैश चमका तो कार्टून ले जा रहे लोग रुक गए और वापस गाड़ी में पहुंच गए। आनन-फानन में कार्टून को गाड़ी में वापस रखा और वापस चले गए। दोनों नेताओं ने नकदी का संबंध प्रतिद्वंद्वी से होने की बात कही है।
इस दिलचस्प और रहस्यमय वाकये पर अचानक नईदुनिया के सहयोगी प्रकाशन दैनिक जागरण का लैंस घूमते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। हालांकि सियासत के सौदागरों की चालाकी से नोटों की लेन-देन बेपर्दा होने से बच गई। अब सपा और बसपा के कारिदे एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। हालांकि शुरुआती सूचनाओं में नोटों से भरे इस कार्टून की बसपा से जुड़ने की बात सामने आ रही है।
शुक्रवार को सर्किट हाउस के कमरा नंबर दो में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर, जबकि कमरा नंबर चार में बसपा के नेता विरोधी दल नसीमुद्दीन सिद्दीकी ठहरे हुए थे। मंजूर विभागीय अफसरों की बैठक लेने आए थे। उनकी गाड़ी सर्किट हाउस के पीछे खड़ी थी। नसीमुद्दीन ने पहले कार्यकर्ताओं की बैठक ली थी।
इसी दौरान बीच शाम करीब पांच बजे महेंद्रा एक्सयूवी गाड़ी वहां आकर शाहिद मंजूर की गाड़ी के पास आकर रुकी। गाड़ी से उतरे कुछ लोगों ने नोटों से भरा कार्टून उतारा और सर्किट हाउस के गेट की ओर चल दिए।
नोटों का कार्टून लेकर चल रहे लोगों के साथ बसपा के कैंट सीट के दावेदार शैलेंद्र चौधरी भी थे। कार्टून ऊपर से खुला होने के कारण नोटों की गड्डियां साफ चमक रही थीं। कैमरे का फ्लैश चमका तो कार्टून ले जा रहे लोग रुक गए और वापस गाड़ी में पहुंच गए। आनन-फानन में कार्टून को गाड़ी में वापस रखा और वापस चले गए। दोनों नेताओं ने नकदी का संबंध प्रतिद्वंद्वी से होने की बात कही है।