मैग्जीन ने महिला IAS का अश्लील कार्टून छापा
हैदराबाद। एक महिला आईएएस अफसर जिसे जनता के अफसर के तौर पर जाना जाता है और जो सरकारी योजनाओं को लागू करने की दिशा में लेटेस्ट तकनीक के इ...
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हैदराबाद। एक महिला आईएएस अफसर जिसे जनता के अफसर के तौर पर जाना जाता है और जो सरकारी योजनाओं को लागू करने की दिशा में लेटेस्ट तकनीक के इस्तेमाल के लिए जानी जाती हैं, उसे 'आउटलुक' पत्रिका ने 'आईकैंडी' यानि 'आंखों को लुभाने वाली' बताते हुए एक घटिया किस्म का कार्टून प्रकाशित कर दिया है।
साथ में एक आर्टिकल है जिसका शीर्षक है- 'नो बोरिंग बाबू'. इसमें लिखा है कि हर मीटिंग में मौजूद महिला आईएएस अपनी खूबसूरत साड़ियों की वजह से फैशन स्टेटमेंट साबित होती हैं और मीटिंग में मौजूद लोगों के लिए आई कैंडी भी. आउटलुक मैगजीन में छपे कार्टून में महिला आईएएस अफसर को एक फैशन शो में रैम्प पर चलते दिखाया गया है।
कार्टून में यह भी दिखाया गया है कि तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव उनकी फोटो खींच रहे हैं. कार्टून में अन्य नेता उन्हें तिरछी नजरों से देखते नजर आते हैं. यह कार्टून महिला आईएएस अफसर के हैदराबाद में हुए एक फैशन शो में मौजूदगी से जुड़ा हुआ है. इसमें आईएएस अफसर अपने पति के साथ गई थीं. इससे भड़की महिला आईएएस अधिकारी ने मैग्जीन को लीगल नोटिस भेजा है और मांफी मांगने को कहा है।
आईएएस अफसर का नाम स्मिता सबरवाल है. वे तेलंगाना में पोस्टेड हैं. उनके पति अकुन सबरवाल एक आईपीएस अफसर हैं. आउटलुक मैग्जीन द्वारा खुद को आई कैंडी बताए जाने और एक विवादास्पद कार्टून छापे जाने से यह महिला आईएएस अफसर काफी नाराज हैं. उन्होंने आउटलुक को कानूनी नोटिस भेजा है. माफी न मांगने की सूरत में आपराधिक केस दर्ज कराने की चेतावनी दी है. उन्होंने इसे महिलाओं का अपमान बताते हुए आउटलुक प्रबंधन से कहा है कि वह पूरे देश की महिलाओं से माफी मांगे. उधर चीफ सेक्रेटरी राजीव शर्मा ने आदेश जारी कर मैगजीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
उल्लेखनीय है कि 2001 बैच की आईएएस अफसर स्मिता सबरवाल सीएम ऑफिस में तैनात पहली महिला आईएएस अफसर हैं. 1977 में जन्मीं दार्जिलिंग की रहने वालीं स्मिता के पिता कर्नल पीके दास सेना में थे. 22 साल की उम्र में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास किया जिसमें उनकी चौथी रैंक थी. उन्होंने चित्तूर जिले में पहला प्रभार बतौर सब कलेक्टर संभाला. आंध्र प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक दशक तक काम करने के बाद उन्होंने अप्रैल 2011 में करीमनगर जिले में डीएम का कार्यभार संभाला. बच्चों के विकास से जुड़े उनके एक कार्यक्रम को पीएम अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है।
साभार: भड़ास 4 मीडिया